स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान संदेश कार्यक्रम में बोले बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम पुनियानी, कहा- "स्वतंत्रता के लिए योगदान देने वाले वीर सपूतों को कभी नहीं भूल सकता देश"

● शहीदे आजम भगत सिंह ने हंसते-हंसते चूम लिया फांसी का फंदा, अंग्रेजों के सामने झुके नहीं- प्रोफेसर राम पूनियानी

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान संदेश कार्यक्रम में बोले बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम पुनियानी, कहा- "स्वतंत्रता के लिए योगदान देने वाले वीर सपूतों को कभी नहीं भूल सकता देश"

पर्दाफ़ाश न्यूज़ टीम/MS KHAN
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर

शहीदे आजम भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी, बहादुर शाह जफर, अशफाक उल्ला खान सहित तमाम शहीदों को जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया, उन्हें देश कभी नहीं भूल सकता। शहीद भगत सिंह स्वतंत्रता, समता व बंधुत्व की परंपरा को लेकर चलने वाले थे। उनका आंदोलन एक अलग तरह का आंदोलन था। गरीब अमीर की खाई बीच की खाई को कम करने पर ही देश का भला हो सकता है। ये बातें रविवार को बढ़नी विकास क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना अब्दुल कयूम रेहमानी के गांव दुधवनियाँ बुजुर्ग स्थित प्राथमिक पाठशाला मैदान में  शहीद भगत सिंह की स्मृति में आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान का संदेश कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम पुनियानी ने कहीं।


उन्होंने शहीद भगत सिंह के फांसी की घटना का भी लोगों के सामने उल्लेख किया। जिस पर लोग भावुक रहे। शहीदों ने फांसी के फंदे को हंसते-हंसते चुना, लेकिन शहीद भगत सिंह का शहीद होने की घटना एक अलग रही। उन्होंने कहा कि गरीब अमीर की खाई बीच की खाई को कम करने पर ही देश का भला हो सकता है। आज डेमोक्रेसी कमजोर हो रही है और डेमोक्रेसी के बगैर अधिकार मिल पाना मुश्किल काम है। धर्म के नाम पर राजनीति कर देश का उद्धार व विकास नहीं हो सकता। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी इस्लाम के नाम की राजनीति कर देश के लोगों के साथ छलावा हो रहा है। जहां भी धर्म का दुरुपयोग होता है वहां समाज की प्रगति नहीं हो सकती। शहीद भगत सिंह ने उपनिवेशवाद का विरोध कर आजादी की लड़ाई में योगदान दिया।


विशिष्ट अतिथि बेगम समीना, नर्वदेश्वर शुक्ला, मोहम्मद जाहिद, बाबा मोहम्मद इब्राहिम ,विधायक सैयदा खातून, अशफाक उल्ला,शकीला शाहीन के अलावा कार्यक्रम को पूर्व सांसद आलोक तिवारी, मौलाना शमीम अहमद नदवी, अकील अहमद, इसरार अहमद, पप्पू मिश्रा, जगदीश कुमार, राममिलन भारती, बेचई यादव, घिसियावन ,यशोदा श्रीवास्तव, नजीर मलिक आदि लोगों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार आनंद वर्धन सिंह ने किया। मौलाना अब्दुल कयूम रहमानी फाउंडेशन अध्यक्ष बदरे आलम ने सभी आए हुए अतिथियों लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। आए हुए सभी अतिथियों का फूल मालाओं से और भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट कर आयोजक समिति द्वारा स्वागत किया गया। इस दौरान हैदर आलम, प्रदीप कुमार पत्थरकट,खलकुल्लाह, सजाउद्दीन अन्नू, अखलाक, आसिम, कमाल अहमद, राजेंद्र पाठक, फिरोज खान, अल्ताफ हुसैन, अबू बकर, अलाउद्दीन, इमरान अहमद, जमाल अहमद, हरिराम यादव शकीला साहिल आदि लोग सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।