श्रीराम महिमा 'कथा प्रसंग' सुन भावविभोर हुये श्रोता, कहा- जीवन जीना सिखाती है श्रीराम कथा- स्वामी सूर्यकान्ताचार्य

पर्दाफाश न्यूज़ टीम
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर
शोहरतगढ़ स्थित श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में आयोजित श्रीराम कथा में अयोध्या धाम से पधारे स्वामी सूर्यकान्ताचार्य जी महराज ने कथा प्रसंग के माध्यम से कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा सौभाग्यशाली होती हैं वह जीव आत्माएं जिन्हें संतों की संगत में बैठकर प्रभु की कथा को श्रवण करने का अवसर मिलता है। कथायज्ञ स्थली एक ऐसा माध्यम है जहां आकर माया में लिप्त हमारा मन कुछ समय के लिए प्रभु का चितन एवं गुणगान कर विश्राम पाता है। उन्होंने बताया कि हर युग में जब जब भी धरा पर अधर्म, अनाचार, पापाचार बढ़ जाता है। तब तब श्री हरि धर्म की पुन: स्थापना के लिए धरा पर मानव रूप में अवतरित होते हैं और अधर्म के पथ पर बढ़ रहे मानव समाज की बांह थाम कर, उन्हें पुन: धर्म के पथ पर अग्रसर करते हैं। अज्ञानता के अंधकार में भटक रहे मानव मन में ज्ञान का प्रकाश भरते हैं।
उसी प्रकाश में मानव के भीतर मानवीय गुण जागृत होते हैं। आज समाज में मानव के दानवी कृत्यों से हो रही विध्वंसकारी घटनाओं को देखकर, हर हृदय यही कहता है की पुन: राम राज्य की स्थापना हो। यह संभव तभी है जब हर व्यक्ति राम जी के चरित्रों को सुनकर के जीवन में उतारे और उनके पद चिन्हों पर चलें तभी राम राज्य की स्थापना संभवयह संभव तभी है जब हर व्यक्ति राम जी के चरित्र को सुनकर के जीवन में उतारे और उनके पक्ष भी हो पर चलें तभी राम राज्य की स्थापना संभव है।
इस अवसर पर मुख्य यजमान राजेंद्र बोरा, दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी, शांति नारायण त्रिपाठी, शिवपूजन वर्मा भोलेनाथ, शोहरतगढ़ थाना अध्यक्ष जय प्रकाश दुबे, उपनिरीक्षक रविकान्त मणि त्रिपाठी, माधुरी मिश्रा, महावीर वर्मा, रामसेवक गुप्ता सहित अनेकों लोग उपस्थित रहे।