स्थानांतरण के बाद भी सिद्धार्थनगर से नही हुआ मोहभंग? विधायक द्वारा निर्गत पत्र के आधार पर वरिष्ठ सहायक आलोक कुमार चौधरी का बस्ती में हुआ था स्थानांतरण, पुनः सिद्धार्थनगर कराया अटैचमेंट

● मलाई काट रहे कर्मचारियों की खैर नही- विनय वर्मा

स्थानांतरण के बाद भी सिद्धार्थनगर से नही हुआ मोहभंग? विधायक द्वारा निर्गत पत्र के आधार पर वरिष्ठ सहायक आलोक कुमार चौधरी का बस्ती में हुआ था स्थानांतरण, पुनः सिद्धार्थनगर कराया अटैचमेंट

पर्दाफ़ाश न्यूज़ टीम
सिद्धार्थनगर

शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मलाई काट रहे कर्मचारियों की कब खैर नही है। स्थानांतरण के बाद भी जिन अधिकारियों का शोहरतगढ़ विधानसभा कार्यक्षेत्र से मोह भंग नही हुआ, उनकी जाँच कराने की बात सामने आ रही है।

विदित हो ग्रामीण अभियंत्रण विभाग प्रखंड सिद्धार्थनगर के वरिष्ठ सहायक आलोक कुमार चौधरी जी का पिछले दिनों शोहरतगढ़ विधायक द्वारा निर्गत पत्र के आधार पर बस्ती में स्थानांतरण कर दिया गया था वे लगभग 20 सालों से शोहरतगढ़ विधानसभा कार्यक्षेत्र में पदासीन थें और आरोप है कि इस दौरान अधिकारीयों के बीच अपनी गहरी पैठ बनाकर मनचाहे तरीके से कार्य करते थे। उन पर आरोप यह भी है कि अपना आधिपत्य व् पुराने संपर्कों का जाल बिछाकर किसी की बात नहीं सुनते थें और खामखा ठेकेदारों को परेशान करते रहते थें। शोहरतगढ़ क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है कि वरिष्ठ सहायक आलोक चौधरी किसी आधिकारिक साँठ-गाँठ के बदौलत बस्ती में रहते हुए भी शोहरतगढ़ विधानसभा कार्यक्षेत्र में एटैचमेंट करा लिए हैं, जिसकी सूचना पर शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पुनः इस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग से आलोक चौधरी को उनके नव पदस्थापित जगह बस्ती में स्थानांतरित करवा दिया गया है। हालांकि शोहरतगढ़ विधानसभा कार्यक्षेत्र से अगाध प्रेम को लेकर शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने स्पष्ट कहा कि अगर इसके बाद भी पावर और पैरवी की धौंस देकर आलोक चौधरी फिर से ऐसा कुछ कार्य करते हैं या कोई अन्य अधिकारी तो मैं व्यक्तिगत तौर पर मा० मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में डालकर उनके उपर विजिलेंस जांच करवाने में पीछे नहीं हटूँगा। अब सवाल यह है कि आख़िर वरिष्ठ सहायक आलोक चौधरी बार-बार शोहरतगढ़ विधानसभा कार्यक्षेत्र में ही क्यो आना चाह रहे हैं? क्या उनका जनपद से मोह भंग नहीं हुआ है?